भाजपा के कार्यकर्ता हुए नाराज़ प्रत्याशियों की भावनाओं को नहीं समझा, निर्दलीय लड़ेंगे ये प्रत्याशी अब की बार
देहरादून । अब बीर सिंह पंवार धर्मपुर विधानसभा से मैदान में होंगे निर्दलीय धर्मपुर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बीर सिंह पंवार को टिगट नही मिला, उहोने कहा बदलाव अवश्यंभावी है अगर मेरे द्वारा मन कर्म और वचन से धर्मपुर की देवतुल्य जनता की सेवा की है तोह इस बार जनता अपने बेटे को ही आशीर्वाद देगी।
देहरादून लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट जारी होते ही कई विधानसभाओं में बगावत के सुर भी दिखाई देने लगे हैं। पार्टी ने अधिकांश सिटिंग विधायकों पर ही दांव खेला है।
ऐसे में कई विधानसभाओं में भाजपा में बगावत की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है नरेंद्र नगर से ओम गोपाल रावत, धनोल्टी से महावीर सिंह रांगड़ और धर्मपुर में लंबे समय से जनता के बीच में काम कर रहे बीर सिंह पंवार ने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया है। आज बीर सिंह पंवार के समर्थकों की बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से चुनाव लड़ने का एलान किया। भाजपा के कई बड़े कार्यकर्ता इसमें मौजूद थे। मातृशक्ति भी उनके साथ खड़ी दिखाई दी। उन्होंने विधायक विनोद चमोली पर गंभीर आरोप लगाए कि 5 साल में उन्होंने विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया। यहां तक की राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं को भी इस विधानसभा में लागू नहीं कर पाए । भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव में हम एक नारा के साथ उतरेंगे भाजपा से बैर नहीं। विनोद चमोली की खैर नहीं ।
कल 11:00 बजे फिर से सभी विधानसभा के प्रमुख लोग और जनप्रतिनिधि बैठक करेंगे। गौरतलब है कि पहाड़ी प्रजा मंडल के अध्यक्ष और भाजपा नेता बीर सिंह पंवार पिछले 10 सालों से लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे। कोरोना काल मैं उन्होंने मोदी कीचन के माध्यम से जिस तरह गरीब असहाय लोगों के लिए देवदूत बनकर आए उनकी मदद की । यही नहीं बीर सिंह पंवार ने पांच अनाथ लड़कियों को भी गोद लिया हुआ है । जिनकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा वे स्वयं उठाते हैं । राजेंद्र बिहार में उन्होंने मंदिर के लिए जमीन दान कर उस पर भव्य मंदिर का निर्माण खुद करवा रहे हैं। अभी पिथौरागढ़ की एक डेढ़ साल की बच्ची का ऑपरेशन उन्होंने दिल्ली में अपने खर्चे पर करवाया। इस तरह के कई सामाजिक कार्य में उनका विशेष योगदान रहता है । विधायक विनोद चमोली से कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी चरम पर है।